TRAINING


प्रशिक्षण शाखा एक बहुत बड़े प्रशिक्षण नेटवर्क के अंतर्गत कार्य करती है जो प्रशिक्षण में आधुनिक विचारों, कार्य प्रणालियों तथा प्रशिक्षण अवधारणाओं का समायोजन करने में मदद करती है । प्रशिक्षण से जुड़े हुए ये नेटवर्क तथा लिंकेज्स अकादमी को एडवांस सेंटर ऑफ लर्निंग एण्ड वेस्ट प्रेक्टिस के रूप में स्थापित करती है । पुलिस प्रशिक्षण को किस दिशा में आगे बढ़ना चाहिये, पुलिस की व्यावसायिक दक्षता हेतु क्या जोड़ा जाना चाहिये तथा क्या घटाना चाहिये ऑर्गनाइजेशनल डेव्हलपमेंट के लिये क्या तत्व जरूरी है तथा पुलिस रिफॉर्म के मापदण्डों का किस तरह से प्रशिक्षण में समायोजन होना चाहिये इन सब के लिये अकादमी के एक नेटवर्क के हिस्से के रूप में पुलिस, गैर पुलिस संस्थान, कोर्ट तथा सिविल सोसाइटीज से संपर्क रखकर सामुदायिक पुलिस आवश्यकताओं, प्रजातांत्रिक पुलिस आवश्यकताओं तथा व्यावसायिक दक्षता अनुरूपी कार्यप्रणालियों को प्रशिक्षण में समायोजित कर प्रशिक्षण कार्य करने की जिम्मेदारी का निर्वहन प्रशिक्षण शाखा व्दारा किया जाता है । प्रशिक्षण शाखा का पर्यवेक्षण निदेशक व उप निदेशक , मप्रपुअ के नेतृत्व व मार्गदर्शन में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (प्रशिक्षण ) द्वारा किया जाता है । यह शाखा अकादमी की समस्त गतिविधियों का संचालन अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (बाह्य प्रशिक्षण ) के सहयोग से करती है । प्रशिक्षण शाखा आधारभूत प्रशिक्षण , समस्त सेमीनार/ बेवीनार, परीक्षाओं , रिसर्च, जिला प्रशिक्षण रिव्यू तथा लायब्रेरी की पर्यवेक्षण व कार्य निर्धारण करती है


INDOOR

आंतरिक प्रशिक्षण यह पुलिस प्रशिक्षण कार्य विभाजन का एक परंपरागत विभाजन है इसके अंतर्गत ऐसे समस्‍त विषयों का प्रशिक्षण समायोजित है जो बाह्य प्रशिक्षण की श्रेणी में न आते हों व आमतौर पर कक्ष के अंदर संपादित होता है इसीलिये इसका परंपरागत नाम आंतरिक प्रशिक्षण है। इस प्रशिक्षण खण्‍ड में मूलभूत प्रशिक्षण के समस्‍त विषय, इन सर्विस कोर्स, आन लाइन कोर्स, सेमीनार, कार्यशाला, प्रमोशन तथा केरियर लिंक कोर्स, अन्‍य विशिष्‍ट प्रशिक्षण कार्यक्रम इत्‍यादि सम्मिलित किये जाते हैं।

आंतरिक प्रशिक्षण खण्‍ड में कुछ प्रशासकीय प्रशिक्षण विभाग भी शामिल हैं जो निम्‍नानुसार हैं-

परीक्षा सेल

परीक्षा सेल अकादमी में संचालित समस्‍त परीक्षाओं का नियोजन, संपादन, प्रश्‍न पत्रों का निर्माण तथा क्रियान्‍वयन, प्रश्‍न बैंको का निर्माण तथा परीक्षा से जुड़े समस्‍त प्रकार के डाक्‍यूमेंटेशन, परीक्षा परिणाम संधारण तथा उसके डाटाबेस का निर्धारण तथा परीक्षा से संबंधित समस्‍त पत्राचार का संधारण सुनिश्चित किया जा रहा है। इस सेल में एक निरीक्षक, एक उप निरीक्षक तथा एक डाटा ऐंट्री आपरेटर पदस्‍थ होता है तथा इस सेल का सीधा पर्यवेक्षण अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक आंतरिक प्रशिक्षण करते हैं तथा उनका जुड़ाव पुलिस मुख्‍यालय की प्रशिक्षण शाखा/परीक्षा शाखा से होता है।

डिस्ट्रिक्‍ट मानीटरिंग सेल

मूलभूत प्रशिक्षण कार्यक्रमों में जिला प्रशिक्षण 7 से 9 माह का यह प्रशिक्षण कार्यक्रम जो व्‍यावहारिक प्रशिक्षण श्रेणी में आता है और उसे आमतौर पर उप निरीक्षक तथा उप पुलिस अधीक्षक स्‍तर के अधिकारी जिले में पूर्ण करते हैं। जिले के प्रशिक्षण संधारण प्रभावी रूप से संपादित हो सके तथा जिला प्रशिक्षण के दौरान प्रशिक्षण प्रदान करने वाले जिले के अधिकारियों को प्रशिक्षण की संचरचना तथा प्रशिक्षण के संपादन का मार्गदर्शन प्रभावी रूप से प्राप्‍त हो सके यह दायित्‍व भी डिस्ट्रिक्‍ट मानीटरिंग सेल के पास निहित होता है।


OUTDOOR

किसी भी प्रशिक्षण संस्था में आउट- डोर प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक होता है । म. प्र. पुलिस अकादमी में भी आउट- डोर प्रशिक्षण शाखा का प्रशिक्षण में महत्वपूर्ण योगदान है । वर्तमान में इस अकादमी IPS, DSP, SI & CONSTABLE आदि को पुलिस मुख्यालय से मान्यता प्राप्त सिलेबस अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है । बेसिक प्रशिक्षण दो सेमेस्टर में चलाया जाता है । प्रत्येक सेमेस्टर के प्रशिक्षण समाप्तिके बाद इन विधाओं की परीक्षा भी होती हैं जिसमें अभी तक उच्च कोटि के परिणाम प्राप्त हुए हैं । संस्था में बेसिक कोर्स के अलावा इन सर्विस कोर्स जैसे पी. पी. कोर्स, रिफ्रेशस कोर्स आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है । वर्तमान में इस अकादमी IPS, DSP, SI & CONSTABLE आदि को पुलिस मुख्यालय से मान्यता प्राप्त सिलेबस अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है जोकि निम्नलिखित है :

  • पीटी- दौड़, सिट-अप, पुश-अप, शटल रेस, 18 फीट रस्सा चढ़ना , बीम तथा ऑब्सटेकल आदि ।
  • ड्रिल- खाली हाथ , शस्त्र के साथ, क्रिच केन तथा बलवा ड्रिल
  • वेपन- 303 रायफल , 7.62 एस. एल. आर., .38 रिवाल्वर, 9 एम एम पिस्टल, 5.56 इन्सास, कार्बाइन आदि।
  • ड्रायविंग – टू व्हीलर और फोर व्हीलर
  • खेल- टीम गेम्स, फुटबाल, वॉलीवॉल, हेण्डवॉल, क्रिकेट, तथा एथलेटिक्स
  • योग- सिलेबस के अनुसार सभी आसनों का प्रशिक्षण दिया जाता है ।

बेसिक प्रशिक्षण दो सेमेस्टर में चलाया जाता है । प्रत्येक सेमेस्टर के प्रशिक्षण समाप्तिके बाद इन विधाओं की परीक्षा भी होती हैं जिसमें अभी तक उच्च कोटि के परिणाम प्राप्त हुए हैं । संस्था में बेसिक कोर्स के अलावा इन सर्विस कोर्स जैसे पी. पी. कोर्स, रिफ्रेशस कोर्स आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है ।


OUTDOOR STAFF


OUTDOOR INFRASTRUCTURE

ड्रिल

ड्रिल प्रशिक्षण का महत्वपूर्ण भाग है तथा ड्रिल अनुशासन की जड़ होती है । इसलिये अकादमी में ड्रिल का प्रशिक्षणार्थियों में अनुशासन बनाने के लिये कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें खाली हाथ तथा शस्त्र के साथ ड्रिल सिखाई जाती है । इसके अतिरिक्त ड्रिल में केन ड्रिल , लाठी ड्रिल भी सिखाई जाती है ।

UAC

वर्तमान परिदृश्य में किसी भी पुलिसकर्मी को फील्ड ड्यूटी के लिये UAC बहुत महत्वपुर्ण है ताकि किसी वक्त जरूरत पड़ने पर किसी भी अपराधी को आसानी से काबू में किया जा सके । अकादमी में UAC के अंतर्गत , काता , हेन्ड मुवमेंट, पंचेस, ब्लाकिंग आदि की सिखलाई दी जाती है ।

शस्त्र प्रशिक्षण

पुलिस प्रशिक्षण में वेपन का प्रशिक्षण महत्वपूर्ण होता है । वैसे तो वेपन्स का उच्च स्तरीय प्रशिक्षण तो RAPTC इन्दौर में दिया जाता है, परन्तु बेसिक वेपन्स जैसे- 303 रायफल , 7.62 एस. एल. आर., .38 रिवाल्वर, 9 एम एम पिस्टल, 5.56 इन्सास आदि वेपन्स की सिखलाई देकर उसकी फायरिंग कराई जाती है ।

बल्बा ड्रिल

जिलों में पदस्थापना के दौरान प्रत्येक पुलिसकर्मी को हिंसात्मक आंदोलन का सामना करना पड़ता है । इस हेतु बलवा ड्रिल पर संस्था में अत्याधिक ध्यान दिया जाता है, जिसमें अलग- अलग प्रकार की बलवा परिस्थितियों के अनुसार प्रशिक्षण दिया जाता है । जैसे- सामने का बलवा, चारो तरफ का बलवा, चैन बनाकर आंदोलनकारी को रोकना आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है ।

फील्ड क्राफ्ट टेक्टिस

वर्तमान में म.प्र. में पुलिस के सामने अनेक चुनौतियां हैं, इनमें से नक्सली एवं डकैत समस्या मुख्य है इसलिये प्रशिक्षणार्थियों को फील्ड क्राफ्ट एवं टेक्टिस का बेसिक प्रशिक्षण दिया जाता है । इसका एडवांस प्रशिक्षण RAPTC इन्दौर में कराया जाता है।

पी.टी.

पुलिस अकादमी में पी.टी. का कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है जिसमें प्रशिक्षु शारीरिक रुप से मजबूत बन सके । पी.टी. में अनेक विधाएं है जैसे- दौड़, चिनअप, पुशअप ,सिट- अप , शटल रेस , रस्सा चढ़ना तथा आब्सटेकल आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।


SPORT

मध्य प्रदेश पुलिस अकादमी, भोपाल में उप पुलिस अधीक्षक , उप निरीक्षक , सूबेदार एवं अन्य प्रशिक्षुओं को सर्वांगीण विकास के लिए टीम गेम्स जैसे की फुटबॉल, वॉलीबॉल, खो-खो हैंडबॉल इत्यादि का तो प्रशिक्षण प्रदान किया ही जाता है , जिससे प्रशिक्षुओं के भीतर अनुशासन एवं परिश्रम जैसे गुण और सामाजिकता एवं देश प्रेम का भाव उत्पन्न होता है। उनमें होने वाली हार और जीत जीवन में सफलता एवं असफलता के समय संतुलन बनाने की प्रेरणा देती हैं। खेलकूद से संयम, दृढ़ता, गंभीरता और सहयोग की भावना का भी विकास होता है। । इसके साथ ही इंडोर गेम्स जैसे की टेबल टैनिस, बैडमिंटन के साथ साथ वेट ट्रेनिंग की भी सिखलाई दी जाती है, प्रशिक्षुओं को फिजिकल फिटनेस के अंतर्गत पुरानी विधाओं के स्थान पर अत्याधुनिक विधाओं जैसे की कार्डिओ वर्कआउट, सर्किट ट्रेनिंग, हाई इंटरवल इंटेंसिटी वर्कआउट, स्टैर्स वर्कआउट एवं एडवांस योग पोसेस और स्ट्रेचिंग के द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है. खेल का एक अन्य उद्देश्य प्रशिक्षुओं का शारीरिक व्यायाम है। यह एक प्रसिद्ध उद्धरण है, “एक ध्वनि शरीर में एक ध्वनि दिमाग होता है”। पुलिस कार्य के प्रकृति को देखते हुए जीवन में सफलता के लिए शरीर का स्वास्थ्य आवश्यक है। अस्वस्थ व्यक्ति हमेशा कमजोरी महसूस करता है, इस प्रकार आत्मविश्वास खो देता है और इसलिए बहुत सुस्त और सक्रिय हो जाता है। स्वस्थ रहने के लिए, खेल और खेल में सक्रिय रुचि लेनी चाहिए। इस प्रकार खेल और खेल जीवन में एक आवश्यक उद्देश्य की सेवा करते हैं क्योंकि वे अच्छे स्वास्थ्य को सुनिश्चित करते हैं और एक अच्छी काया का निर्माण करते हैं।

MOTOR DRIVING
SWIMMING

Last Updated:08 Jan, 2022