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Chairman's Message

''अध्यक्ष का संदेश''

अनंत विशेषताओं से परिपूर्ण माँ नर्मदा की गोद में पल्लवित मध्य प्रदेश भारतवर्ष का हृदय प्रदेश है। एक संवैधानिक संस्था के रुप में म.प्र. लोक सेवा आयोग होनहार युवाओं की आशाओं का केन्द्र बिंदू है। संवैधानिक संस्थाएँ अपनी प्रदत्त शक्तियों का उपयोग करते हुए अपने उद्देश्यों को पूर्ण करने हेतु कृत संकल्पित हैं। इसी क्रम में लोक सेवा आयोग मध्य प्रदेश अपनी स्थापना से आज तक निरंतर अपने कर्तव्यों के प्रति सजग व निरंतर उन्नयन हेतु प्रयत्नशील है। आयोग के पास अधिकारों के साथ-साथ बड़ी जिम्मेदारियाँ भी हैं। लोकतंत्र में लोक सेवा आयोग की अपनी गरिमा व विशिष्ट पहचान है। तंत्र उससे अपेक्षा करता है कि वह अपनी गरिमा को अक्षुण्ण रखते हुए समाज का जो उस पर भरोसा है, उसे बनाए रखे। इसलिए उसे नियम और विधि सम्मत कार्यप्रणाली के अनुरूप अपने आचरण का पालन सुनिश्चित करना होता है। यह अनेक दृष्टियों से चुनौतीपूर्ण है। इसके निर्वहन हेतु निष्पक्ष, ईमानदार, कर्तव्यपरायण और संवेदनशील होना अनिवार्य है।

आयोग मुख्यतः तीन कार्य करता है -

1. विभिन्न विभागों से प्राप्त माँगपत्रों के आधार पर उत्तम लोक सेवकों का चयन।

2. विभागीय जाँच के उपरांत अंतिम अभिमत देना।

3. विभागों से प्राप्त प्रस्तावों के अनुसार पदोन्नति समिति की बैठक में अध्यक्षता कर उक्त कार्य संपादित करना।

     संतवाणी कहती है कि यदि हम अपने कर्तव्य का पालन पूर्ण निष्ठा व मनोयोग के साथ करें तो यह भी एक प्रकार की साधना है। हमारा भी यही अभीष्ट है।

     आयोग की नवीन वेबसाइट के लोकार्पण-अवसर पर असीम शुभकामनाओं के साथ।

 

                                                                                                                                                      प्रो. (डॉ.) राजेश लाल मेहरा

                                                                                                                                                                    अध्यक्ष