ऊर्जा साक्षरता अभियान - क्रियान्वयन घटक (AID)
ऊर्जा साक्षरता अभियान - क्रियान्वयन घटक (AID) -
ऊर्जा साक्षरता अभियान को निम्न घटकों के माध्यम से क्रियान्वित किया जाएगा:-
(अ) जागरूकता (Awareness)
(ब) जानकारी (Information)
(स) प्रदर्शन (Demonstration)
अ. Awareness - जागरूकता
(Awareness) घटक के तहत् जन साधारण हेतु निम्न प्रचार सामग्री के माध्यम से जागरूक करना -
- पोस्टर
- होर्डिंग
- एनीमेशन वीडियो
- सोशल मीडिया
- एफ.एम. रेडियो
- जिंगल्स
- वॉल पेन्टिंग
- अन्य
ब. Information जानकारी –
(Awareness) घटक के तहत् जन साधारण हेतु निम्न प्रचार सामग्री के माध्यम से जागरूक करना -
- अभियान को संचार के प्रभावी तरीके ''वेब पोर्टल'' व मोबाईल एप्प आधारित ऑनलाईन प्रशिक्षण पद्धति से क्रियान्वित करना।
- पाठ्यक्रम मॉड्यूल की प्रस्तावित श्रेणियाँ – लेवल I से IV तक एवं मास्टर ट्रेनर एवं वॉलन्टियर्स के लिए।
- स्कूलों में ऊर्जा साक्षरता बाबत् ''स्वयं करके देखो'' (Do it yourself) जैसे प्रयोग।
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''ऊर्जा साक्षरता अभियान'' योजना में सभी की भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु वेबपोर्टल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रमाणीकरण हेतु प्रेरित करना।
- नागरिक द्वारा स्वयं का प्रमाणीकरण करना।
- परिवार के सदस्यों का प्रमाणीकरण कराना।
- पास-पड़ोस के लोगों को प्रमाणीकरण हेतु प्रोत्साहित करना।
- मोहल्ले / कॉलोनी के लोगों को प्रमाणीकरण हेतु प्रोत्साहित करना।
- अभियान को विस्तार देने के लिए स्कूलों, विद्यालयों, विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों को Brand Ambassador बनाया जाएगा।
- किसान/गृहणी/व्यवसायिक/छात्र-छात्रा/नौकरी पेशा/सभी वर्ग के लोगों को उत्कर्ष सहभागिता होने पर पुरूस्कृत किया जाना प्रस्तावित है।
- समाज के समस्त वर्गो को अभियान से जोड़ने के विशेष रूप से कार्यक्रमों का रूपांकन किया जाएगा।
स. Demonstration प्रदर्शन –
- अक्षय ऊर्जा आधारित संयंत्रों की स्थापना का प्रदर्शन किया जायेगा ताकि जन साधारण में अक्षय ऊर्जा को अपनाने के लिये व्यापक चेतना का प्रचार-प्रसार हो सके।
- प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल साँची शहर को ''सोलर सिटी'' के रूप में विकसित किया जाएगा।
- चयनित शासकीय कार्यालयों को सौर ऊर्जीकृत किया जायेगा। जिले के बड़े शासकीय भवनों में ''शून्य निवेश'' आधारित ''रेस्को'' मॉडल पर रूफटॉप संयंत्रों की स्थापना।
- आँगनवाड़ी भवनों को सौर ऊर्जीकृत किया जायेगा। आँगनवाड़ी भवनों में ''नो ग्रिड-नो बैटरी'' आधारित सौर संयंत्र।
- तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 12 तकनीकी संस्थानों को "off-grid" किया जाकर सम्पूर्ण रूप से सौर ऊर्जा द्वारा संचालित किया जा सके।
- चिन्हित चिकित्सा केन्द्रों का सौर ऊर्जीकरण किया जाएगा।
- प्रदर्शन स्थलों की Success Stories को विभिन्न माध्यमों से प्रचारित किया जायेगा।